REPO RATE
• Repo rate is the rate at which RBI lends to its clients generally against government
securities. Reduction in repo rate helps the commercial banks to get money at a
cheaper rate and increase in repo rate discourages the commercial banks to get
money as the rate increases and becomes expensive.
• Current Repo Rate is at 6%
• रेपो रेट वह दर होती हैजिस पर बैंकोोंको आरबीआई किजदेता है. बैंक इस किजसेग्राहकोोंको ऋण देते
हैं. रेपो रेट कम होनेसेमतलब हैजक बैंक सेजमलनेवालेकई तरह
के किजसस्तेहो िाएों गे. िैसेजक होम
लोन, व्हीकल लोन वगैरह.
REVERSE REPO RATE
• Reverse Repo rate is the short term borrowing rate at which RBI borrows money
from banks. ... An increase in the reverse repo rate means that the banks will get a
higher rate of interest from RBI.
• Current Reverse Repo Rate is at 5.75%
• िैसा इसके नाम सेही साफ है, यह रेपो रेट सेउलट होता है. यह वह दर होती हैजिस पर बैंकोोंको उनकी
ओर सेआरबीआई मेंिमा धन पर ब्याि जमलता है. ररवसजरेपो रेट बािारोोंमेंनकदी की तरलता को
जनयोंजित करनेमेंकाम आती है. बािार मेंिब भी बहुत ज्यादा नकदी जदखाई देती है, आरबीआई ररवसज
रेपो रेट बढा देता है, ताजक बैंक ज्यादा ब्याि कमानेके जलए अपनी रकमेउसके पास िमा करा दे
CRR (CASH RESERVE RATIO)
• The Cash Reserve Ratio refers to a certain percentage of total deposits the
commercial banks are required to maintain in the form of cash reserve with the
central bank. The objective of maintaining the cash reserve is to prevent the shortage
of funds in meeting the demand by the depositor.
• Current CRR is 4%
• देश मेंलागूबैंजकों ग जनयमोोंके तहत हरेक बैंक को अपनी कु ल नकदी का एक जनजित जहस्सा ररिवजबैंक के
पास रखना होता है. इसेही कै श ररिवजरेश्यो (सीआरआर) या नकद आरजित अनुपात कहतेहैं.
SLR (STATUTORY LIQUIDITY RATIO)
• The Statutory Liquidity Ratio (SLR) refers to the proportion of deposits the
commercial bank is required to maintain with them in the form of liquid assets in
addition to the cash reserve ratio. Every bank must have a minimum portion in the
form of cash, gold or other liquid assets by the day’s end.
• जिस दर पर बैंक अपना पैसा सरकार के पास रखतेहै, उसेएसएलआर कहतेहैं. नकदी की तरलता को
जनयोंजित करनेके जलए इसका इस्तेमाल जकया िाता है. कमजशजयल बैंकोोंको एक खास रकम िमा करानी
होती हैजिसका इस्तेमाल जकसी इमरिेंसी लेन-देन को पूरा करनेमेंजकया िाता है. आरबीआई िब ब्याि
दरोोंमेंबदलाव जकए बगैर नकदी की तरलता कम करना चाहता हैतो वह सीआरआर बढा देता है, इससे
बैंकोोंके पास लोन देनेके जलए कम रकम बचती है|
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